Brazil-Clarice Lispector
Clarice Lispector
A Woman, a Jew, and one born in Ukraine, and one of Brazil’s greatest writers…..Clarice Lispector.
Story
We will read her story, “Beauty and the Beast, or, The Wound too Great”, p. 291 in the Oxford Anthology of the Brazilian Short Story, edited by K. David Jackson.
Themes
- Beauty and Ugliness
- Body as Power
- Ephiphany
- Where, When, and from Whom do We Learn?
- Religion as “Lived Life” (Practical Spirituality)
- Metaphors
- Materialism…
Additional Material
Notes and References
https://www.newyorker.com/books/page-turner/the-true-glamour-of-clarice-lispector
Suryakant Tripathi “Nirala”. 1923. Bhikshuk. http://kavitakosh.org
वह आता–
दो टूक कलेजे को करता, पछताता पथ पर आता।
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक,
चल रहा लकुटिया टेक,
मुट्ठी भर दाने को —भूख मिटाने को
मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता —
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
साथ दो बच्चे भी हैं सदा हाथ फैलाए,
बाएँ से वे मलते हुए पेट को चलते,
और दाहिना दया दृष्टि-पाने की ओर बढ़ाए।
भूख से सूख ओठ जब जाते
दाता-भाग्य विधाता से क्या पाते?
घूँट आँसुओं के पीकर रह जाते।
चाट रहे जूठी पत्तल वे सभी सड़क पर खड़े हुए,
और झपट लेने को उनसे कुत्ते भी हैं अड़े हुए !
ठहरो ! अहो मेरे हृदय में है अमृत, मैं सींच दूँगा
अभिमन्यु जैसे हो सकोगे तुम
तुम्हारे दुख मैं अपने हृदय में खींच लूँगा।
-Suryakant Tripathi “Nirala”